गीतकार: , 1859. संगीतकार: , 1869. |
संसार का सबसे बड़ा वैध्य, वह है हमारा येशु
उनको जो पाप में पड़े कैद, प्यार से बुलाता येशु.
कोरस
सब संसार में मीठा नाम, प्रथ्वी स्वर्ग में मीठा नाम
सबसे प्यारा मीठा नाम, येशु येशु येशु.
तुम्हारा सबसे बड़ा पाप, है क्षमा करता येशु
तुम स्वर्ग को आऒ साथ मेल मिलाप, कि मुक्ति देता येशु.
कोरस
येशु का नाम बचाता है, सब पाप और दुख से
प्यार से अब बुलाता है, कौन और है जैसा येशु.
कोरस
स्वर्ग देश को जब हम चढ़ेंगे, तब देखें अपने येशु
वहां फिर नहीं मरेंगे, अनन्त आनन्द साथ येशु.
कोरस